ठाकुर ते जनु जन ते ठाकुरु खेलु परिओ है तो सिउ ॥१॥ रहाउ॥ आपन देउ देहुरा आपन आप लगावै पूजा ॥ जल ते तरंग तरंग ते है जलु कहन सुनन कउ दूजा ॥१॥ आपहि गावै आपहि नाचै आपि बजावै तूरा ॥ कहत नामदेउ तूं मेरो ठाकुरु जनु ऊरा तू पूरा ॥२॥२॥ |
ਕੀ ਨ— |
ਬਦਹੁ ਕੀ ਨ ਹੋਡ ਮਾਧਉ ਮੋ ਸਿਉ ॥ ਠਾਕੁਰ ਤੇ ਜਨੁ ਜਨ ਤੇ ਠਾਕੁਰੁ ਖੇਲੁ ਪਰਿਓ ਹੈ ਤੋ ਸਿਉ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ |