पड़ै नही हम ही पचि हारे ॥ रामु कहै कर ताल बजावै चटीआ सभै बिगारे ॥१॥ राम नामा जपिबो करै ॥ हिरदै हरि जी को सिमरनु धरै ॥१॥ रहाउ ॥ बसुधा बसि कीनी सभ राजे बिनती करै पटरानी ॥ पूतु प्रहिलादु कहिआ नही मानै तिनि तउ अउरै ठानी ॥२॥ दुसट सभा मिलि मंतर उपाइआ करसह अउध घनेरी ॥ गिरि तर जल जुआला भै राखिओ राजा रामि माइआ फेरी ॥३॥ काढि खड़गु कालु भै कोपिओ मोहि बताउ जु तुहि राखै ॥ पीत पीतांबर त्रिभवण धणी थ्मभ माहि हरि भाखै ॥४॥ हरनाखसु जिनि नखह बिदारिओ सुरि नर कीए सनाथा ॥ कहि नामदेउ हम नरहरि धिआवह रामु अभै पद दाता ॥५॥३॥९॥ |
ਸੰਡਾ ਮਰਕਾ— |
ਸੰਡਾ ਮਰਕਾ ਜਾਇ ਪੁਕਾਰੇ ॥ ਪੜੈ ਨਹੀ ਹਮ ਹੀ ਪਚਿ ਹਾਰੇ ॥ ਰਾਮੁ ਕਹੈ ਕਰ ਤਾਲ ਬਜਾਵੈ ਚਟੀਆ ਸਭੈ ਬਿਗਾਰੇ ॥੧॥ |