देखउ राम तुम्हारे कामा ॥१॥ नामा सुलताने बाधिला ॥ देखउ तेरा हरि बीठुला ॥१॥ रहाउ ॥ बिसमिलि गऊ देहु जीवाइ ॥ नातरु गरदनि मारउ ठांइ ॥२॥ बादिसाह ऐसी किउ होइ ॥ बिसमिलि कीआ न जीवै कोइ ॥३॥ मेरा कीआ कछू न होइ ॥ करि है रामु होइ है सोइ ॥४॥ बादिसाहु चड़्हिओ अहंकारि ॥ गज हसती दीनो चमकारि ॥५॥ रुदनु करै नामे की माइ ॥ छोडि रामु की न भजहि खुदाइ ॥६॥ न हउ तेरा पूंगड़ा न तू मेरी माइ ॥ पिंडु पड़ै तउ हरि गुन गाइ ॥७॥ करै गजिंदु सुंड की चोट ॥ नामा उबरै हरि की ओट ॥८॥ काजी मुलां करहि सलामु ॥ इनि हिंदू मेरा मलिआ मानु ॥९॥ बादिसाह बेनती सुनेहु ॥ नामे सर भरि सोना लेहु ॥१०॥ मालु लेउ तउ दोजकि परउ ॥ दीनु छोडि दुनीआ कउ भरउ ॥११॥ पावहु बेड़ी हाथहु ताल ॥ नामा गावै गुन गोपाल ॥१२॥ गंग जमुन जउ उलटी बहै ॥ तउ नामा हरि करता रहै ॥१३॥ सात घड़ी जब बीती सुणी ॥ अजहु न आइओ त्रिभवण धणी ॥१४॥ पाखंतण बाज बजाइला ॥ गरुड़ चड़्हे गोबिंद आइला ॥१५॥ अपने भगत परि की प्रतिपाल ॥ गरुड़ चड़्हे आए गोपाल ॥१६॥ कहहि त धरणि इकोडी करउ ॥ कहहि त ले करि ऊपरि धरउ ॥१७॥ कहहि त मुई गऊ देउ जीआइ ॥ सभु कोई देखै पतीआइ ॥१८॥ नामा प्रणवै सेल मसेल ॥ गऊ दुहाई बछरा मेलि ॥१९॥ दूधहि दुहि जब मटुकी भरी ॥ ले बादिसाह के आगे धरी ॥२०॥ बादिसाहु महल महि जाइ ॥ अउघट की घट लागी आइ ॥२१॥ काजी मुलां बिनती फुरमाइ ॥ बखसी हिंदू मै तेरी गाइ ॥२२॥ नामा कहै सुनहु बादिसाह ॥ इहु किछु पतीआ मुझै दिखाइ ॥२३॥ इस पतीआ का इहै परवानु ॥ साचि सीलि चालहु सुलितान ॥२४॥ नामदेउ सभ रहिआ समाइ ॥ मिलि हिंदू सभ नामे पहि जाहि ॥२५॥ जउ अब की बार न जीवै गाइ ॥ त नामदेव का पतीआ जाइ ॥२६॥ नामे की कीरति रही संसारि ॥ भगत जनां ले उधरिआ पारि ॥२७॥ सगल कलेस निंदक भइआ खेदु ॥ नामे नाराइन नाही भेदु ॥२८॥१॥१०॥ |
ਬੇ— |
ਸੁਲਤਾਨੁ ਪੂਛੈ ਸੁਨੁ ਬੇ ਨਾਮਾ ॥ ਦੇਖਉ ਰਾਮ ਤੁਮ੍ਾਰੇ ਕਾਮਾ ॥੧॥ |