कपल गाइ नामै दुहि आनी ॥१॥ दूधु पीउ गोबिंदे राइ ॥ दूधु पीउ मेरो मनु पतीआइ॥ नाही त घर को बापु रिसाइ॥१॥ रहाउ ॥ सोइन कटोरी अम्रित भरी॥ लै नामै हरि आगै धरी ॥२॥ एकु भगतु मेरे हिरदे बसै ॥ नामे देखि नराइनु हसै॥३॥ दूधु पीआइ भगतु घरि गइआ॥ नामे हरि का दरसनु भइआ॥४॥३॥ |
ਕਟੋਰੈ—ਕਟੋਰੇ ਵਿਚ । |
ਦੂਧੁ ਪੀਉ ਗੋਬਿੰਦੇ ਰਾਇ ॥ ਦੂਧੁ ਪੀਉ ਮੇਰੋ ਮਨੁ ਪਤੀਆਇ ॥ |