अंक : 873
गोंड
 
भैरउ भूत सीतला धावै ॥
खर बाहनु उहु छारु उडावै ॥1॥
हउ तउ एकु रमईआ लैहउ ॥
आन देव बदलावनि दैहउ ॥1॥ रहाउ ॥

सिव सिव करते जो नरु धिआवै ॥
बरद चढे डउरू ढमकावै ॥2॥
महा माई की पूजा करै ॥
नर सै नारि होइ अउतरै ॥3॥
तू कहीअत ही आदि भवानी ॥
मुकति की बरीआ कहा छपानी ॥4॥
गुरमति राम नाम गहु मीता ॥
प्रणवै नामा इउ कहै गीता ॥5॥2॥6॥

ਭੈਰਉ—

ਭੈਰਉ ਭੂਤ ਸੀਤਲਾ ਧਾਵੈ ॥ ਖਰ ਬਾਹਨੁ ਉਹੁ ਛਾਰੁ ਉਡਾਵੈ ॥੧॥