अंक : 873
बिलावलु गोंड
 
आजु नामे बीठलु देखिआ मूरख को समझाऊ रे ॥ रहाउ ॥
पांडे तुमरी गाइत्री लोधे का खेतु खाती थी ॥
लै करि ठेगा टगरी तोरी लांगत लांगत जाती थी ॥1॥
पांडे तुमरा महादेउ धउले बलद चड़िआ आवतु देखिआ था ॥
मोदी के घर खाणा पाका वा का लड़का मारिआ था ॥2॥
पांडे तुमरा रामचंदु सो भी आवतु देखिआ था ॥
रावन सेती सरबर होई घर की जोइ गवाई थी ॥3॥
हिंदू अंन्हा तुरकू काणा ॥ दुहां ते गिआनी सिआणा ॥
हिंदू पूजै देहुरा मुसलमाणु मसीति ॥
नामे सोई सेविआ जह देहुरा न मसीति ॥4॥3॥7॥

ਆਜੁ—

ਆਜੁ ਨਾਮੇ ਬੀਠਲੁ ਦੇਖਿਆ ਮੂਰਖ ਕੋ ਸਮਝਾਊ ਰੇ ॥ ਰਹਾਉ ॥