त्रिखावंत जल सेती काज ॥ जैसी मूड़ कुट्मब पराइण ॥ऐसी नामे प्रीति नराइण ॥१॥ नामे प्रीति नाराइण लागी ॥ सहज सुभाइ भइओ बैरागी ॥१॥ रहाउ ॥ जैसी पर पुरखा रत नारी ॥ लोभी नरु धन का हितकारी ॥ कामी पुरख कामनी पिआरी ॥ ऐसी नामे प्रीति मुरारी ॥२॥ साई प्रीति जि आपे लाए ॥ गुर परसादी दुबिधा जाए ॥ कबहु न तूटसि रहिआ समाइ ॥ नामे चितु लाइआ सचि नाइ ॥३॥ जैसी प्रीति बारिक अरु माता ॥ ऐसा हरि सेती मनु राता ॥ प्रणवै नामदेउ लागी प्रीति ॥ गोबिदु बसै हमारै चीति ॥४॥१॥७॥ |
ਤ੍ਰਿਖਾਵੰਤ— |
ਜੈਸੀ ਭੂਖੇ ਪ੍ਰੀਤਿ ਅਨਾਜ ॥ ਤ੍ਰਿਖਾਵੰਤ ਜਲ ਸੇਤੀ ਕਾਜ ॥ ਜੈਸੀ ਮੂੜ ਕੁਟੰਬ ਪਰਾਇਣ ॥ ਐਸੀ ਨਾਮੇ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨਰਾਇਣ ॥੧॥ |