अंक : 1164
भैरउ बाणी नामदेउ जीउ की घरु २
एक ओंकार सतिगुर प्रसादि ॥
 
जैसी भूखे प्रीति अनाज ॥
त्रिखावंत जल सेती काज ॥
जैसी मूड़ कुट्मब पराइण ॥ऐसी नामे प्रीति नराइण ॥१॥
नामे प्रीति नाराइण लागी ॥
सहज सुभाइ भइओ बैरागी ॥१॥ रहाउ ॥

जैसी पर पुरखा रत नारी ॥
लोभी नरु धन का हितकारी ॥
कामी पुरख कामनी पिआरी ॥
ऐसी नामे प्रीति मुरारी ॥२॥
साई प्रीति जि आपे लाए ॥
गुर परसादी दुबिधा जाए ॥
कबहु न तूटसि रहिआ समाइ ॥
नामे चितु लाइआ सचि नाइ ॥३॥
जैसी प्रीति बारिक अरु माता ॥
ऐसा हरि सेती मनु राता ॥
प्रणवै नामदेउ लागी प्रीति ॥
गोबिदु बसै हमारै चीति ॥४॥१॥७॥
ਤ੍ਰਿਖਾਵੰਤ—
ਜੈਸੀ ਭੂਖੇ ਪ੍ਰੀਤਿ ਅਨਾਜ ॥ ਤ੍ਰਿਖਾਵੰਤ ਜਲ ਸੇਤੀ ਕਾਜ ॥
ਜੈਸੀ ਮੂੜ ਕੁਟੰਬ ਪਰਾਇਣ ॥ ਐਸੀ ਨਾਮੇ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨਰਾਇਣ ॥੧॥