मधुर मधुर धुनि अनहत गाजै ॥१॥ रहाउ॥ धनि धनि मेघा रोमावली॥ धनि धनि क्रिसन ओढै कांबली॥१॥ धनि धनि तू माता देवकी॥ जिह ग्रिह रमईआ कवलापती॥२॥ धनि धनि बन खंड बिंद्राबना॥ जह खेलै स्री नाराइना॥३॥ बेनु बजावै गोधनु चरै ॥ नामे का सुआमी आनद करै॥४॥१॥ |
। |
f |
मधुर मधुर धुनि अनहत गाजै ॥१॥ रहाउ॥ धनि धनि मेघा रोमावली॥ धनि धनि क्रिसन ओढै कांबली॥१॥ धनि धनि तू माता देवकी॥ जिह ग्रिह रमईआ कवलापती॥२॥ धनि धनि बन खंड बिंद्राबना॥ जह खेलै स्री नाराइना॥३॥ बेनु बजावै गोधनु चरै ॥ नामे का सुआमी आनद करै॥४॥१॥ |
। |
f |