ਐਸੇ ਰਾਮਾ ਐਸੇ ਹੇਰਉ ॥ - By Prof. Darshan Singh Ji
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अंक : 857
गोंड॥
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नाद भ्रमे जैसे मिरगाए॥
प्राण तजे वा को धिआनु न जाए॥१॥

ऐसे रामा ऐसे हेरउ ॥
रामु छोडि चितु अनत न फेरउ॥१॥ रहाउ ॥

जिउ मीना हेरै पसूआरा॥
सोना गढते हिरै सुनारा॥२॥
जिउ बिखई हेरै पर नारी॥
कउडा डारत हिरै जुआरी॥३॥
जह जह देखउ तह तह रामा ॥
हरि के चरन नित धिआवै नामा॥४॥२॥

 

ਨਾਦ ਭ੍ਰਮੇ ਜੈਸੇ ਮਿਰਗਾਏ ॥ ਪ੍ਰਾਨ ਤਜੇ ਵਾ ਕੋ ਧਿਆਨੁ ਨ ਜਾਏ ॥੧॥