मै अजानु जनु तरिबे न जानउ बाप बीठुला बाह दे॥१॥रहाउ॥ नर ते सुर होइ जात निमख मै सतिगुर बुधि सिखलाई ॥ नर ते उपजि सुरग कउ जीतिओ सो अवखध मै पाई॥१॥ जहा जहा धूअ नारदु टेके नैकु टिकावहु मोहि॥ तेरे नाम अविल्मबि बहुतु जन उधरे नामे की निज मति एह ॥२॥३॥ |
ਮੋ ਕਉ—ਮੈਨੂੰ । |
ਮੋ ਕਉ ਤਾਰਿ ਲੇ ਰਾਮਾ ਤਾਰਿ ਲੇ ॥ |