अंक : 857
बिलावलु बाणी भगत नामदेव जी की   
    एक ओंकार सतिगुर प्रसादि ॥
सफल जनमु मो कउ गुर कीना॥  
दुख बिसारि सुख अंतरि लीना॥१॥  
गिआन अंजनु मो कउ गुरि दीना॥  
राम नाम बिनु जीवनु मन हीना॥१॥रहाउ॥
 
नामदेइ सिमरनु करि जानां॥  
जगजीवन सिउ जीउ समानां ॥२॥१॥

 

ਸਫਲ ਜਨਮੁ ਮੋ ਕਉ ਗੁਰ ਕੀਨਾ ॥ ਦੁਖ ਬਿਸਾਰਿ ਸੁਖ ਅੰਤਰਿ ਲੀਨਾ ॥੧॥